हिंदी में 10 हजार से ज्यादा निर्णय देने वाले न्यायमूर्ति गौतम चौधरी कौन है (इलाहाबाद हाईकोर्ट 2023)
उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद शहर इस समय सुर्खियों में है क्योंकि इस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट में हिंदी भाषा को लेकर बहुत ही अच्छी स्थितियां बनी हुई है और यह हर समय सुर्खियों में रहता है इसका कारण है की यहां के न्यायमूर्ति डॉ गौतम चौधरी जी जिन्होंने हिंदी भाषा में 10,000 से ज्यादा निर्णय सुनाए हैं हिंदी में उनका एक रिकॉर्ड है जो कम से कम 4 साल से लगातार चल रहा है अपने 4 साल के कार्यकाल में उन्होंने हिंदी में 10000 से ज्यादा निर्णय सुनाए हैं जो एक मिसाल है हिंदी के प्रति उनका लगाओ और हिंदी को सम्मान देने के लिए हमारे न्यायमूर्ति श्री गौतम चौधरी जी का जिन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हिंदी में ज्यादा निर्णय देने का फैसला किया है आपने और भाषाओं में निर्णय सुने होंगे संस्कृत में अंग्रेजी में तो हमेशा होते ही रहते हैं पर हिंदी में फैसला देने का जो निर्णय लिया है डॉक्टर ने श्री गौतम चौधरी जी ने बहुत ही मिसाले की बात है यह अपने 4 साल के कार्यकाल में उन्होंने एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करके दिखाया है जो हिंदी को एक सम्मान देने वाली बात है
Nyaay Murthy Gautam Chaudhari kab Bane highcourt ke nyayadhish
डॉ गौतम चौधरी 12 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश के पद पर नियुक्त हुए थे और उन्होंने नियुक्ति के 8 दिन बाद ही 20 दिसंबर 2019 को एकल न्याय पीठ में बैठे और उन्होंने अपना पहला निर्णय हिंदी में ही दिया इसके बाद तो उनका क्रम लगातार चलता रहा और तमाम जमानती याचिकाएं और पुनरीक्षण अर्जियां और अन्य मामलों में हिंदी में उन्होंने 10000 से ज्यादा निर्णय सुनाए हैं
इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी के प्रयासों से हाल ही सालों में हिंदी में निर्णय देने का प्रचलन बढ़ा है. साल 2022 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में औसतन प्रतिदिन 20 मुकदमों में हिंदी में निर्णय देते थे क्योंकि तब तक उनके पास हिंदी में निर्णय लिखने वाले सिर्फ एक निजी सचिव के.सी. सिंह ही थे, लेकिन न्यायालय में हिंदी में निर्णय देने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी ने अपने अथक प्रयास से उच्च न्यायालय में 7 नए अपर निजी सचिवों की नियुक्ति कराई और उनमें से सी.पी. साहनी, शशि मिश्रा को अपने साथ जोड़ लिया. जिनकी वजह से हिंदी मैं काम करना और आसान हुआ हैं
अब इनको तीन निजी सचिवों का सहयोग मिल रहा हैं जिसकी वजह से न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी इलाहाबाद हाईकोर्ट में औसतन प्रतिदिन 60 मुकदमों में हिंदी में निर्णय दे रहे हैं. उनका मानना है कि मामले में उसका निर्णय उसी की भाषा में मिले तो उसे निर्णय समझने में आसानी रहती है और किसी शख्स को निर्णय समझने में उसे किसी का सहारा नही लेना पड़ता. न्यायमूर्ति डॉ. चौधरी कहते हैं कि अंग्रेजी और किसी अन्य भाषा से उनका कोई विरोध नहीं है, लेकिन हिंदी भाषा उनकी मां है. अंग्रेजी या उर्दू भाषा मौसी हो सकती है, लेकिन मां नहीं.
डॉ गौतम चौधरी जी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
न्यायमूर्ति डॉ श्री गौतम चौधरी जी का जन्म 9 नवंबर 1964 को हुआ था डॉ चौधरी जी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से b.a. किया और उसके बाद एलएलबी की शिक्षा ग्रहण की बाद में वह उत्तर प्रदेश बार काउंसिल में 6 मार्च 1993 को अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से अपनी वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी और उन्होंने धीरे-धीरे अपनी एक पहचान बनाई और उनकी पहचान बड़े वकीलों में भी शामिल हो गई धीरे-धीरे यही क्रम चलता रहा हाईकोर्ट में उनकी बदौलत हिंदी में निर्णय देने का प्रचलन बढ़ा क्योंकि उन्होंने ही हिंदी में निर्णय देने का जो एक चलन शुरू किया बहुत ही कमाल की बात है वह और उन्होंने वर्ष 2022 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में औसतन प्रतिदिन की बात करें तो 20 मुकदमों में हिंदी में निर्णय देते हैं
यहाँ जी भी जानकारी प्रदान की गई हैं वह मिडिया स्रोतों पर आधारित हैं अगर इस जानकारी मैं कोई कमी लगती हैं तो आप कमेंट कर के जरूर बातएं जयदा जानकारी के लिए आप इलाहाबाद हाईकोर्ट वेबसाइट से सम्पर्क कर सकते हैं
Faq
२-यूपी में दो हाई कोर्ट क्यों हैं?