सेन्गोल पर बहुत चर्चा हो रही है इस समय क्योंकि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को होने जा रहा है तो इसे प्रधानमंत्री को दिया जाएगा सेन्गोल क्या है क्या है इसकी कहानी आइए जानते हैं
उस समय इसको बनाने में ₹15000 का खर्च आया था सी राजगोपालाचारी ने काफी धर्म ग्रंथों को पढ़कर के इसके बारे में पता किया कि कैसे एक राजा से दूसरे राजा को सत्ता हस्तांतरण के द्वारा दिया जाता है तो अंग्रेजों ने जब सत्ता हस्तांतरण में भारत को होने वाली थी तो उस समय कैसे इसको किया जाए उसी पर नेहरू जी से चर्चा हुई तो नेहरु जी ने राजगोपालाचारी से इस पर चर्चा की कैसे इसको बनाया जाए और कैसे इस पर काम किया जाए इस पर नंदी बना रहता है जो एक न्याय का प्रतीक है
इसे लोकतंत्र के मंदिर में संसद भवन में स्पीकर के पास सदन में रखा जाएगा सेन्गोल का महत्व इसलिए बढ़ गया है इस बार क्योंकि नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई 2023 को होने जा रहा है तो इसे प्रधानमंत्री को दिया जाएगा